भगवान व्यास जी के द्वारा भगवान कल्कि के जन्म व जन्मस्थान के विषय में महाभारत में लिखी पंक्ति व तथ्य–
भगवान व्यास ने महाभारत में भगवान कल्कि के जन्म के विषय में इस प्रकार से लिखा है…
संभल ग्राम मुख्यष्य ब्राह्मणस्यो महात्मन,
भवने विष्णु यशस्य कल्कि प्रादुर्भाविष्यति।
अर्थात –
भगवान कल्कि संभल ग्राम के मुख्य ब्राह्मण के घर में जन्म लेंगे, अर्थात भगवान विष्णु का यशगान करने वाले अति पवित्र ब्राह्मण के घर पर भगवान कल्कि का जन्म होगा। वर्तमान में मनुष्यों के मन में एक द्वन्द्व है कि भगवान कल्कि का जन्म विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर पर होगा परंतु ऐसा नही है दरअसल हम सभी को शास्त्र में लिखे तथ्यों को सही से समझने की आवश्यकता है, शास्त्रों को सही से समझने से निदान मिलेगा निदान से भक्ति पवित्रता और साथ ही साथ भगवान की प्राप्ति होगी।
कल्कि विष्णुयशा नाम द्विज काल प्रचोदीत ,
उत्पत्येसो महा बिरजो महा बुद्धि पराक्रम।
संभल ग्राम के जिस ब्राह्मण के घर पर भगवान विष्णु का यशगान, कीर्तन, भजन, मनन (पूजा अर्चना) होती है उसी ब्राह्मण के घर पर श्रीभगवान जन्म लेंगे। भगवान कल्कि अष्ट कलाओं से युक्त महाबुद्धि व महापराक्रम के साथ धरावतरण करेंगे।
सम्भूत संभल ग्रामे ब्रह्मणा बसती सुभे।
अर्थात –
उड़ीसा राज्य के सम्भूत संभल ग्राम (नाभि गया क्षेत्र) अर्थात नये संभल जिसे स्थापित या जिसका निर्माण किया गया हो, उसी पवित्र स्थान पर ययाति केशरी नें दस हजार यज्ञ उपासक ब्राह्मणों को उत्तरप्रदेश के कन्नौज से लाकर बसाया था। उन ब्राह्मणों ने उस स्थान (सम्भूत संभल) पर सात बार अश्वमेघ यज्ञ का अनुष्ठान किया था, उसी पवित्र स्थान पर भगवान ब्रह्मा ने भी आदियुग सृष्टि के समय यज्ञ अनुष्ठान किया था। उसी नूतन संभल ग्राम में भगवान श्रीहरि वहाँ के मुख्य ब्राह्मण के घर पर अपनी योगमाया से प्रकृति को अपने आधीन कर जन्म (अवतार) लेंगे।
केवल निश्छल भक्ति के मार्ग पर चल कर शास्त्रों के सही मर्म को समझा जा सकता है, ज्ञान या बुद्धि के बल पर इन सब तथ्यों के सम्मुख होते हुए भी हर किसी के लिए समझ पाना संभव नही है।
“जय जगन्नाथ”