लेखक: Ashish Vyas

शास्त्रों में सत्य, त्रेता, द्वापर और कलियुग चार युगों का वर्णन है। भगवान महाविष्णु ने उपरोक्त चार युगों में  24  अवतार लिए हैं और उन अवतारों के नाम नीचे दिखाए गए हैं: कुमार अवतार (सनक, सनन्दन, सनातन और सनथ कुमार) यज्ञेश्वर वराह नारद अवतार नर नारायण अवतार कपिल का अवतार दत्तात्रेय अवतार यज्ञ रूप अवतार रशभ अवतार पृथ्वी अवतार हम्सा अवतार मीन अवतार चक्रधर अवतार कूर्म अवतार धन्वंतरि अवतार मोहिनी अवतार नरसिंह अवतार वामन अवतार परशुराम अवतार वेदव्यास अवतार श्री राम का अवतार बलराम अवतार बुद्ध का अवतार कल्कि अवतार उक्त 24  अवतारों में से महाप्रभु ने धर्म की स्थापना…

Read More

महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा रचित मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियां व तथ्य- सभी को ज्ञात है कि द्वापर में महाभारत युद्ध होने का एक प्रमुख कारण भूमि विवाद था। उसी तरह वर्तमान समय में भी कश्मीर भूमि विवाद के कारण ही युद्ध होगा। कश्मीर को लेकर ही पाकिस्तान भारत से युद्ध करना चाहता है। निकट भविष्य में जो कली युद्ध अर्थात भारत पाकिस्तान के बीच जो युद्ध होगा  (अठारह दिनों के महाभारत युद्ध के अंतिम दिन के एक बेला का यानि आधे दिन का युद्ध कुछ  कारणवश पूर्ण नही हो पाया था) वही युद्ध निकट भविष्य में विश्वयुद्ध…

Read More

महामुनि कपिल और महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा रचित कपिल संहिता और मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियां व तथ्य- “बलराम हेबे राजा कान्हु परिचार, बसिब सुधर्मा सभा जाजनग्र ठार,  वीणा बाहीन नारद मिलिबे छामुरे, वेद पढुथुबे ब्रह्मा अच्युत आगूरे।” अर्थात् – जब सुधर्मा सभा बैठेगी तब उस सभा में स्वयं महामुनि नारदजी  वीणा वादन करेंगे तथा परमपिता ब्रह्माजी  वेदोच्चार करेंगे एवं सभी देवी देवताओं के साथ देवराज इंद्र भी उपस्थित रहेंगे। उस अद्भुत सभा में जगतपति भगवान कल्कि अतुलित बलशाली राजा (बलराम) के रूप में प्रतिष्ठित होंगे तथा वे प्रजापालक तथा परिचालक के रूप में विराजमान होंगें। उस समय का दृश्य बहुत…

Read More

श्रीमद्भागवत व भविष्य मालिका में भगवान व्यास व संत अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी कुछ दुर्लभ पंक्तियां व तथ्य- “सत्य-सोच-दया-छमा, टूटिब धर्म मार्ग सिमा।” अर्थात् –  श्रीमद्भागवत के अनुसार कलियुग अंत के समय धर्म के चारों पग पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएंगे। चाहे वो शासन तंत्र हो या सामाजिक तंत्र, हर तरफ अधर्म का बोल-बाला होगा। धर्म के लिए कहीं स्थान नही रह जायेगा। पाप और अधर्म अपनी चरम सीमा में होंगे। ऐसी स्थिति जब समाज में दिखने लगेगी तब कलियुग का अंत निकट है ऐसा जाने।  इसपर महापुरुष अच्युतानंद जी मालिका में इस प्रकार से लिखते हैं……

Read More

महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा रचित मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियां व तथ्य- “भगत सुमेल होइबे कठुर खंडगिरि पासे जिबे।  अनन्त मूरति दर्शन करीण सर्वे सर्वांकु चिनिभे।।” अर्थात् – शीध्र ही ऐसा समय आयेगा जब भगवान कल्किदेव के समक्ष सभी भक्त ओड़िशा राज्य के भगवान लिंगराज की पावन भूमि (एकाम्र क्षेत्र) पर एक पर्वत जो खंडगिरि के नाम से विख्यात है, उस खंडगिरि पहाड़ के समीप सभी भक्त एकत्रित होंगे। उन सबको महाप्रभु अनन्त किशोर अर्थात भगवान कल्कि के  दिव्य दर्शन प्राप्त होंगे तथा सभी भक्तों का आपस में अद्भुत मिलन होगा।  देश-विदेशों के सभी भक्तों का आपस में वार्तालाप…

Read More

महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी द्वारा रचित मालिका में तृतीय विश्वयुद्ध और उसके विनाशकारी परिणामों से जुड़ी कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ – “परमाणु जे बोमा जारा लागी बिदेसिब गारिमा,  देखाई भुवन्ति आज पाश्चात्य सेना,  ताहाँ फुटिबे नाही केणे जेबे मिलाई,  एहा देखी बिदेसीए जिबे पलाई।” अर्थात् – तृतीय विश्व युद्ध के समय भारत के शत्रु देशों द्वारा भारत पर परमाणु हथियारों का प्रयोग होगा। तब चक्रधर भगवान कल्कि द्वारा केवल इच्छा कर लेने मात्र से शत्रु देशों द्वारा प्रयोग किये गए सभी परमाणु बम व हथियार निष्क्रिय हो जाएंगे। तब सभी शत्रु देशों, यूरोपियन देश और चीन तथा पाकिस्तान के सैनिक…

Read More

महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा रचित मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “भारतर शेष राजा जोगी बर जाण, एहापरे हेब मिलिटरी शासन, मिलिटरी शासन परे किछु दिन पाई, सह जोगी राज जोगी श्रेष्ठ अपना राजा हेबे तहीं,  एहि समय हेबो शांति जात्रा मानो, ओंकार ध्वनिरे भाई कम्पिबे मेदनी।” अर्थात् –  भारत का अंतिम प्रधानमंत्री एक योगी होगा । उनकी कोई संतान नही होगी। वो एक ब्रह्मचारी के रूप में जीवन व्यतीत करेंगे। देश की उन्नति के लिए उनके द्वारा बहुत से कार्य किये जायेंगे। वो जन्म से शुद्ध शाकाहारी होंगे। वो भारत के योग (योगा दिवस) को सम्पूर्ण…

Read More

महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा रचित मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ एवं तथ्य- “तोके कहुतुबे जनम हेलेणी दर्शन करीचीमुई। तोके कहुतुबे जन्म हेबे प्रभु ठार गार बूझो तुहि।। बुद्धि विवेक को प्रभु हरि नेबे बणा हेबे सुज्ञजण। अपना हस्तरे स्कन्द छिड़ाइबे मिलिबे देबि भबन।।” अर्थात् –  बहुत से  भक्त भगवान कल्किदेव  का दर्शन करेंगे एवं संसार को बतायेंगे भी कि  मैंने विश्वाधार प्रभुजी का दर्शन कर लिया है, और बहुत से भक्त ऐसे हैं जो  ज्ञानमार्ग को ही सर्वश्रेष्ठ एवं को स्वयं को शास्त्रों  का ज्ञाता तथा  सर्वोपरि समझते हैं।  ऐसे लोग कहेंगे कि अभी प्रभु के धरावतरण…

Read More

आज जब धरती पवित्र घड़ी की ओर अग्रसर हो रही है, तो एक ओर संहार लीला अपने चरम  पर है, दूसरी ओर पाप भी अपने अंतिम चरण में है। जहाँ  एक ओर भक्तों के एकत्रीकरण के साथ उनके उद्धार का कार्य सम्पन्न हो रहा है तो दूसरी ओर पापियों का विनाश भी  हो रहा है।  वर्तमान में हम सभी अत्यंत कठिन एवं  मूल्यवान समय को पार कर रहे हैं, इस विषम परिस्थिति से बचने का एक ही सुगम मार्ग है और वो है अध्यात्म एवं भगवान कल्कि की शरण के साथ- साथ भविष्य  मालिका का अनुसरण, क्योंकि  जो विनाश का…

Read More

महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की दिव्य पंक्ति व तथ्य- “द्वितीय अजोध्या पूरी प्रकाशीब रघुनाथंक बिहारो,  सेदिन ऐपुरो उत्कल नगर राशस्थली होइजिबो।” अर्थात –  जहाँ जगतपति निवास करते हैं वहाँ की भूमि अयोध्या व वृंदावन के समान पवित्र हो जाती है। कलियुग में भगवान कल्कि जिस स्थान पर निवास करेंगे उस उड़ीसा के उत्कल (बिरजा क्षेत्र)  की पवित्र भूमि रासस्थल में परिवर्तित हो जाएगी। भक्तवत्सल भगवान कल्किराम अनन्त माधव महाप्रभु वहाँ अपने प्रिय भक्तों के साथ वृंदावन के समान रासलीला करेंगे, व अपने वात्सल्य से प्रिय भक्तों को सराबोर कर देंगे।  सभी भक्त भक्ति के महासागर…

Read More