घर की स्त्रियाँ पुरुषों की बात नहीं मानेंगी, वो बुरा व्यवहार करेंगी

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घर की स्त्रियाँ पुरुषों की बात नहीं मानेंगी, वो बुरा व्यवहार करेंगी

 

‘भविष्य मालिका’ की कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियाँ-

“नारीए होइबे प्रबल। सती र धर्म हेब दुर ।।
पुरुष बसिथिबे घरे । नारी बुलिबे बार द्वारे ।।
गृहस्त कथा न सुणिबे । पुरुषे मुंड पोतिथिबे ।।
करिबे आत्महत्या जन। न सहि नारी कु-बचन।।”

छयालिश पटल…..(अच्युतानन्द दास)… पृष्ट- 185

भावार्थ-

कलियुग में स्त्रियाँ बुरे कर्मों में लिप्त रहेंगी। अधर्म और अत्याचार करेंगी, जिसके कारण उनका सतीत्व नष्ट हो जाएगा। पुरुष तो घर में रहेंगे जबकि स्त्रियाँ घर के बाहर विचरण करेंगी और पुरुषों की बात नहीं मानेंगी। वो पुरुषों के साथ बुरा व्यवहार करेंगी और उनको अपशब्द भी बोलेंगी जिसके कारण पुरुष लज्जा और अपमान से सिर झुकाकर रखेंगे। कुछ लोग स्त्रियों के दुर्वचनों को सहन न कर सकने कारण आत्महत्या  भी करेंगे।

 

“जय जगन्नाथ”