क्या है भगवान विष्णु का कल्कि अवतार-
भविष्य मलिका के एक ग्रंथ ‘ब्रह्मकल्प संहिता, में महापुरुष अच्युतानंद जी ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि भगवान कल्कि ओडिशा के संबल क्षेत्र (वर्तमान में जाजपुर क्षेत्र) में एक ब्राह्मण के घर में जन्म लेंगे। वह ब्राम्हण जो विष्णु की पूजा करते हैं और ‘विष्णुयश गान’ (भगवान विष्णु की महिमा का प्रचार) करते हैं और ये हो चुका है।
भगवान का यह रूप महाविष्णु रूप होगा, जिसमें एक ही मानव शरीर में दोनों शक्तियां महाविष्णु और बलभद्र / बलदेव (शेषनाग) की शक्ति होगी। वह अपने वैकुंठ धाम को छोड़कर पृथ्वी पर आएंगे और अपने भक्तों को कलियुग के पापों से मुक्ति दिलाएंगे
उन्होंने लिखा है कि सत्य, त्रेता और द्वापर युग में अपने पिछले अवतारों में भगवान से जुड़े हुए भक्तों ने कलियुग में फिर से जन्म लिया है। वे ही सच्चे भक्त हैं। जो इतने युगों से ईश्वर को खोज रहे हैं। वे या तो द्वापर युग की गोप गोपियाँ हैं या कपि (‘वानर या अन्य जीव’ जो त्रेता युग के भगवान श्री राम के साथ थे) या सत्य युग के तपी (तपस्वी), जो भगवान के भक्त थे।
केवल वही जन्म ले चुके भक्त लोग मालिका में वर्णित बातों पर विश्वास करेंगे और अपने कल्कि अवतार में प्रभु को खोजने में सफल होंगे। भक्तों के पिछले जन्म के अच्छे कर्मों के कारण, वे मालिका में वर्णित मार्ग को समझेंगे। उन्हें ही प्रभु के दर्शन प्राप्त होंगे और वही सभी भक्त मिलकर विश्व में सनातन धर्म की स्थापना के लिए कार्य करेंगे।
यही कारण है कि भविष्य मलिका लिखी गई थी ताकि भक्तों को जीवन में उनके अंतिम उद्देश्य को याद कराया जा सके। भविष्य मालिका में भगवान कल्कि के जन्म लेने के कुछ संकेत बताये गए हैं। प्रभु जी के जन्म लेने के निम्न संकेत है –
प्रभु भक्तो को कहते हैं-जब मैं जन्म लूंगा तो नीलांचल क्षेत्र से संकेत आएगा । रत्न सिंहासन में आग लग जायेगा । ऐसा 2004-2005 में हो चूका है । जगन्नाथ धाम मंदिर में चोरी होना । ऐसा 2011 और 2019 में हो चुका है । जगन्नाथ धाम मंदिर शिखर से पत्थर मिटटी गिरना । यह घटना भी हो चुकी है । मंदिर के शिखर स्तम्भ पर गिद्ध पक्षी का बैठना । यह घटना भी हो चुका है । मंदिर का परचम (पतित पवनबना) का आग लग जाना । मंदिर के नील चक्र का वक्री हो जाना। 2019 के फनी नामक तूफान में उड़ीसा सरकार ने माना कि तूफान के कारन नीलचक्र वक्री हुआ है ।
इन सभी साक्ष्यों से स्पष्ट है कि भगवान कल्कि का जन्म हो चूका है। वर्तमान में भगवान कल्कि एक सामान्य मनुष्य की तरह रहते हुए मानव रूप में 15-16 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं।
जै श्री सत्य अनंत माधव