महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा रचित मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य-
“भारतर शेष राजा जोगी बर जाण, एहापरे हेब मिलिटरी शासन,
मिलिटरी शासन परे किछु दिन पाई, सह जोगी राज जोगी श्रेष्ठ अपना राजा हेबे तहीं,
एहि समय हेबो शांति जात्रा मानो, ओंकार ध्वनिरे भाई कम्पिबे मेदनी।”
अर्थात् – भारत का अंतिम प्रधानमंत्री एक योगी होगा । उनकी कोई संतान नही होगी। वो एक ब्रह्मचारी के रूप में जीवन व्यतीत करेंगे। देश की उन्नति के लिए उनके द्वारा बहुत से कार्य किये जायेंगे। वो जन्म से शुद्ध शाकाहारी होंगे। वो भारत के योग (योगा दिवस) को सम्पूर्ण विश्व में ख्याति दिलायेंगे। वर्तमान समय में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मालिका में दी गई अंतिम प्रधानमंत्री की सभी विशेषताएँ शत- प्रतिशत मिलती जुलती है। मालिका में दी गई भारत के अंतिम प्रधानमंत्री को लेकर की गई सभी भविष्यवाणियाँ मोदी जी को ही भारत के अंतिम प्रधानमंत्री के रूप में प्रमाणित करती है।
भविष्य मालिका के अनुसार मोदी जी ही भारत के अंतिम प्रधानमंत्री हैं ये अटल सत्य है। भारत की कोई भी दूसरी राजनीतिक पार्टी अब सत्ता में नही आयेगी। हाँ ऐसा संभव है, कि प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर सत्ता में आएं ?
इसपर महापुरुष अच्युतानंद जी दोबारा लिखते है…
“तापरे राजूति हेब मिलिटरी शासन।”
अर्थात् – वर्तमान प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी ) के शासन काल में ही कुछ दिन उनके शासन करने के पश्चात देश में मिलिट्री (सैनिक) शासन लग जायेगा। सम्पूर्ण देश मे इमरजेंसी होगी एक ओर विश्वयुद्ध भी चल रहा होगा। उसी समय भारत पर चीन और पाकिस्तान तथा कई मुसलमान देश एक साथ मिलकर आक्रमण करेंगे, उस समय देश की परिस्थितियां बड़ी भयावह होंगी।
विश्वयुद्ध में भारत की निर्णायक भूमिका होगी। विश्व में भारत की स्थिति अनुमान से अधिक मजबूत होगी क्योंकि स्वयं भगवान कल्कि युद्ध में अपना योगदान देंगे एवं भारत की रक्षा करेंगे और सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म को पुनः प्रतिष्ठित करेंगे। दिल्ली के सिंहासन पर एक विशेष राजयोगी (देवापि । महाराज शांतनु के बडे भाई) जो की महाभारत काल से हिमालय में तपस्यारत हैं उन्हें बैठाएंगे। मालिका में लिखी सभी बातें एक-एक करके सत्य सिद्ध हो रही हैं और आगे भी सत्य होंगी। इन सभी बातों और परिवर्तनों को होते हुये बहुत से लोग मात्र कुछ वर्षों में अपनी आंखों से देख तो पाएंगे किन्तु करने को उनके हाथ में कुछ नही होगा।
“जय जगन्नाथ”