महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा रचित मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियां व तथ्य-
“भगत सुमेल होइबे कठुर खंडगिरि पासे जिबे।
अनन्त मूरति दर्शन करीण सर्वे सर्वांकु चिनिभे।।”
अर्थात् – शीध्र ही ऐसा समय आयेगा जब भगवान कल्किदेव के समक्ष सभी भक्त ओड़िशा राज्य के भगवान लिंगराज की पावन भूमि (एकाम्र क्षेत्र) पर एक पर्वत जो खंडगिरि के नाम से विख्यात है, उस खंडगिरि पहाड़ के समीप सभी भक्त एकत्रित होंगे। उन सबको महाप्रभु अनन्त किशोर अर्थात भगवान कल्कि के दिव्य दर्शन प्राप्त होंगे तथा सभी भक्तों का आपस में अद्भुत मिलन होगा। देश-विदेशों के सभी भक्तों का आपस में वार्तालाप भी होगा, एवं प्रभु केअनुभव एवं अनुभूतियों की चर्चा होगी। वो क्षण बड़ा ही सुखद आनंददायक और आश्चर्यमय होगा। सभी आनंद से सराबोर हो जायेंगे।
“जय जगन्नाथ”