महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी द्वारा रचित भविष्य मालिका की दुर्लभ पंक्तियाँ एवं तथ्य-
“भूमिकम्पे प्रकम्पित होईबे धरणी,
पहाड़ जंगल सब माटिरे मिसिब,
बिचित्र परिबर्तन पृथिबिरे हेब।”
अर्थात-
निकट भविष्य में तीव्र गर्जना के साथ पृथ्वी पर बार-बार भूकम्प आयेंगे, सारे बड़े-बड़े घर धराशायी हो जायेंगे, सब मिट्टी के नीचे दब जायेंगे, पहाड़ और जंगल सब मिट्टी में मिल जायेंगे और आश्चर्यजनक परिवर्तन होंगे। कुछ भी पहले जैसा नहीं रहेगा। इस विनाशकारी भूकंप के बाद सूर्य देव पश्चिम में उदय होकर पूर्व में अस्त होंगे। ये सारे बदलाव आने वाले समय में लोग देख पाएंगे।
“जय जगन्नाथ’