महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा मालिका में लिखी एक दुर्लभ पंक्ति-
“सेही बेला काला जाणी, ओडिशा रे प्रभु जन्मिबे पुनि।
लो जाइफललो केही, तांको मायांकोनाचिन्हि।।”
अर्थात –
कलियुग व अनंत युग के मध्य, निश्चित समय पर संधिकाल के समय, पाप व अनाचार को मिटाने के लिए और संहार कार्य को परिपूर्ण करने के लिए धरती और वसु माता की रक्षा के लिए धर्म के उद्धार के लिये भगवान कल्कि राम माधव महाप्रभु उड़ीसा के पवित्र भूमि पर अवतार ग्रहण करेंगे।
भगवान की माया को कोई भी समझ नही पायेगा। सभी के मन मे यह बात आयेगी की जब प्रभु धरावतरण करेंगे तब भगवान के लाखों – लाख भक्त होंगे। परंतु उन्हें यह बात का ज्ञात नही होगा के द्वापर युग में भगवान नें केवल मात्र सोलह सहस्त्र गोपी ,गोपालों के साथ ही अपनी दिव्य लीला रची थी। सभी साधारण मनुष्यों की बुद्धि मायापति की माया के द्वारा हर ली जाएगी जिसके कारण वो इन गूढ़ तथ्यों को समझ नही पायेंगे।
“जय जगन्नाथ”