महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की एक दुर्लभ पंक्ति व तथ्य-
“शेष कली लीला भवतु आगे बुझाई कहिबे
सर्वलो जाइफूलो कल्कि रूप धरिबे माधब।”
अर्थात –
कलियुग के अंत समय में भगवान महाविष्णु चक्रधर माधव महाप्रभु ही महाकल्कि रूप धारण कर धर्म संस्थापना करेंगे। परंतु हर कोई महाप्रभु की प्रबल माया के कारण उन्हें पहचान नही पायेंगे।
केवल हर युग में निरंतर प्रभु के साथ धर्म संस्थापना के समय अपना सहयोग देने वाले भक्तों (गोपी,कपि,तपी) को ही प्रभु की प्रेरणा और भक्ति के कारण इस बात का ज्ञान हो पायेगा।
“जय जगन्नाथ”