महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य–
“एमोनतो व्याधिए कहुंतो आसिबो नर अंगरे प्रकासो,
मुखोरुतो रक्तो उदगारो होइबो सकल होईबे नासो।”
अर्थात –
आने वाले समय में सभी मनुष्य एक ऐसा समय भी देखेंगे, जब लोगों के मुँह से रक्त की उल्टियाँ होने लगेगी। उस समय बहुत से लोग जिन्होंने पाप किया है, ऐसे पापी लोगों की मृत्यु होगी।
महापुरुष इस विषय में पुनः लिखते हैं–
“आद्य वैद्य ठारे प्रकाश होइबो अरे अन्य हेबे नास बैद्य नास जेबे होइबो बारंगो अउके होइब धँसो।”
अर्थात –
उपचार करने वालों के ऊपर सर्वप्रथम इसके प्रभाव दिखाई देंगे। तत्पश्चात धीरे–धीरे समस्त मनुष्य समाज में इसके लक्षण दिखने लगेंगे व सभी पापियों का विनाश होगा। अत: सभी को धर्म मार्ग में आना चाहिए, जो धर्म मार्ग में नहीं होंगे उनका विनाश निश्चित है। समय रहते हमें इन गंभीर विषय को समझना चाहिए। भविष्य में इस अज्ञात रोग से असंख्य मृत्यु होगी और इसकी चपेट में केवल भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व होगा। समस्त विश्व मे यह एक महामारी के रूप में उभरेगा। भविष्य मालिका के अनुसार 64 प्रकार के रोग विश्व को कंपित करेंगे जिसमे से यह भी एक रोग होगा। सनातन धर्मी, सभी भक्त व साधुजन इस गम्भीर विषय पर विचार करें। अपने कर्म क्षेत्र व स्वयं के कार्यों में परिवर्तन लायें। सभी मिलकर सम्पूर्ण समाज में धर्म का विस्तार करें। इससे भविष्य में होने वाले विनाश से बचा जा सकता है।