महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी भविष्य मालिका की एक दुर्लभ पंक्ति व तथ्य-
मालिका में विश्वयुद्ध के समय सम्पूर्ण विश्व की परिस्थिति और कौन से देश भारत के पक्ष में होंगे और कौन से देश विपक्ष में इसकी जानकारी इस प्रकार से वर्णित है।
“पूर्ब पश्चिम रंग बर्न हेब गिरी मालाचम कीव लोहा,
कहना मानो भारोते भूलिब रूसिया शासन हेबो।”
अर्थात –
विश्व के पूर्व और पश्चिम के सभी देशों में घोर संग्राम होगा। विश्व में हर तरफ दीपावली की आतिशबाजी के समान रौशनी दिखेगी। हर तरफ हाहाकार मचेगा। कहीं भी शांति नही होगी। युद्ध के कारण पूर्व और पश्चिम के आकाश का रंग लालिमा (लाल रंग) में परिवर्तित हो जायेगा। उसी समय भारत में भी पाकिस्तान और चीन के साथ भीषण युद्ध होगा। एक समय ऐसा भी आएगा जब कुछ समय के लिए भारत पर रशिया का शासन हो जाएगा।
रशिया के द्वारा कुछ समय के लिए भारत की शासन व्यवस्था और भारत की सेना को पूर्ण रूप से सहायता दी जाएगी। रशिया का समर्थन लगातार भारत के साथ होगा। भारत की हर परेशानी में रशिया भारत का पूर्ण रूप से साथ देगा। भविष्य मालिका की वाणी एक ब्रह्म वाणी है। इसमें लिखी हर एक बात को भविष्य में पूर्ण होते मनुष्य स्वयं देखेंगे।
महापुरुष आगे इस प्रकार से लिखते हैं…
विश्वयुद्ध के समय विश्व के सभी बड़े देश अर्थात अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मन, जापान, भारत, चीन, रशिया सभी दो खेमो में बंट जाएंगे। सब अपने-अपने संगठनों का साथ निभाएंगे। यह सभी रणनीति व परिवर्तन तृतीय विश्वयुद्ध से पूर्व सभी देख पाएंगे। युद्ध में भारत के समर्थन में रशिया, जापान, जर्मनी, फ्रांस जैसे देश आएंगे। रशिया सबसे बड़े रूप में भारत का सहयोग करेगा एवं एक समय फ्रांस भी अपनी पूरी क्षमता के साथ भारत का सहयोग करेगा। युद्ध के अंत मे भगवान कल्कि के द्वारा भारत की जीत सुनिश्चित होगी और भारत विश्व विजेता बन कर उभरेगा।
“जय जगन्नाथ”