महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी एक पंक्ति-
“घोर कलीकाल थोयो ना रहिबो ज्ञानी हेबे जान बाट बडां,
मंगो मंगुवालो बोलो ना मनिबे ज्ञान कही अकलणा।”
अर्थात –
ज्ञानी लोग ही सबसे अधिक भ्रमित होंगे, वो ज्ञान को ही सर्वोच्च समझेंगे व ज्ञान को ही श्रीभगवान की प्राप्ति का मुख्य मार्ग समझेंगे, परंतु वो ये नही समझ पायेंगे कि प्रभु की प्राप्ति का केवल एक ही सरल मार्ग है, वो है श्रद्धा, भक्ति प्रेम एवं ईश्वर पर अटूट विश्वास।
“जय जगन्नाथ”