महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी भविष्य मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य-
“तेरह टोपिया हेबे भेंट प्रथम गुलटी प्रकट।”
अर्थात –
जब पाकिस्तान व विश्व के अन्य तेरह मुस्लिम देश एकजुट हो जाएंगे, उस समय से भारत व पाकिस्तान का युद्ध आरंभ हो जायेगा। वर्तमान समय में मुस्लिम देशों के द्वारा कई विषयों पर लगातार भारत को घेरने की शुरुआत स्पष्ट दिखाई पड़ती है। भारत के विरुद्ध कई मुस्लिम देशों की एकजुटता भी देखी जा रही है। भारत को घेरने के लिए तुर्की व पाकिस्तान के द्वारा एक संगठन बनाने की बात भी सुनी जा रही है। भारत के विरुद्ध कई मुस्लिम देशों को साथ लाने के लिए तुर्की और पाकिस्तान गुप्त रूप से कई बैठकें भी कर रहे हैं।
कई लोगों के मन में द्वंद है कि विश्वयुद्ध कैसे होगा ?
उत्तर –
जिस दिन भारत व पाकिस्तान के मध्य युद्ध की शुरुआत हो जाएगी, उसी समय पाकिस्तान तेरह मुस्लिम देशों को साथ लेकर चीन के साथ मिल जाएगा। अमेरिका व रशिया जैसे कई शक्तिशाली देश अपने संगठन को गठित कर युद्ध में उतरेंगे और तब विश्वयुद्ध प्रारंभ होगा। वर्तमान परिस्थिति की बात करें तो यूक्रेन और रशिया के बीच जो युद्ध कई महीनों से चल रहा है उसके कारण पूरा विश्व आज आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
विश्व के सभी देश भविष्य में विश्वयुद्ध की आहट को देख कर अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित है तथा खतरनाक हथियारों की खरीद में वयस्त है। रशिया जैसा शक्तिशाली देश इतनी क्षति होने पर और अन्य सभी देश अरबों खरबों के हथियार जुटाने के पश्चात् भी शांति से नही बैठ रहे है। वर्तमान वैश्विक परिस्थिति में प्रायः हर तरफ खाद्य संकट व महंगाई से जनता त्रस्त है और राष्ट्राध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में युद्ध को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
जब पाकिस्तान व अन्य मुस्लिम देशों के द्वारा भारत पर प्रथम आक्रमण किया जाएगा, तब युद्ध प्रारंभ होगा। उस समय उड़ीसा के श्री जगन्नाथ क्षेत्र से कई संकेत आएंगे…
“बाईसी पाबछे मीन खेलथुब सिंघासने वरुणो,
मक्का मदीनारे घोर जुद्धो हेबो मरिबे बिधर्मीगण।”
अर्थात –
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत होगी तब श्रीजगन्नाथ मंदिर में 22 पाबच्छ अर्थात बाइस सीढ़ियों को चढ़ कर रत्न सिंहासन तक समुद्र अपनी सीमा को लांघकर आ जायेगा। भक्तजन भगवान जगन्नाथजी और उनके रत्न सिंघासन का दर्शन करते हैं उसी रत्न सिंघासन पर मछलियां खेलेंगी। उस वक्त जगन्नाथजी अपने स्थान पर नही होंगे। जगन्नाथ जी के रत्न सिंघासन पर वरुण देवता विराजमान होंगे अर्थात सम्पूर्ण जगन्नाथ मंदिर समुद्र के जल में विलिन हो जाएगा। युद्ध के प्रारंभ होने के समय मक्का मदीना में भी घोर संग्राम हो रहा होगा। यह सभी घटनायें लगभग एक ही समय घटित होंगी।
इस पर पुनः महापुरुष अच्युतानंद जी लिखते हैं…
“सेकाले भक्त माने मिलि सियालदह पीठ स्थली।”
अर्थात –
भारत और पाकिस्तान के मध्य युद्ध प्रारंभ होने के समय पश्चिम बंगाल राज्य के सियालदह में महायज्ञ होगा। विश्व के सभी 16 मंडलों के भक्तगण सियालदह में एकत्रित होकर उस महायज्ञ में सम्मिलित होंगे व यज्ञ अनुष्ठान को पूर्ण करेंगे।