Author: Satyanarayan Srivastava

महापुरुष अच्यतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “सियालदहरे पाती रेल पिन्धीन लोहार सरंखल रहिची सही बंदी घरे मुक्ति लागिबे जग्य स्थले।” अर्थात – भारत के साथ तेरह मुस्लिम देशों के युद्ध के प्रारंभ में पश्चिम बंगाल राज्य के सियालदह में महायज्ञ का आयोजन होगा। उस समय महायज्ञ में प्रभु कल्कि के सोलह मंडलों के सभी आठ हजार भक्त सम्मिलित होंगे व यज्ञ को पूर्ण करेंगे। उसी समय एक अद्भुत घटना घटेगी। सियालदह में अंग्रेजो के शासन के समय निर्मित एक पीतल के रेल इंजन को वहाँ एक संग्रहालय में लोहे के संखल (लोहे…

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महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “एहि घोर कली लीला भली-भली प्राणी हेबे पथ बँणा।” अर्थात – कई चरणों में विभिन्न प्रकार से महाप्रभु की लीला होगी, परंतु साधारण मनुष्य इसे अपने ज्ञान के आधार पर समझ नहीं पाएंगे। कलियुग का अंत हो चुका है, अगर यह एक सच्चाई नहीं है, तो आज सम्पूर्ण विश्व की स्थिति इस तरह से खराब क्यों हो रही है? जब धर्म संस्थापना होती है, जब युग के अंत का समय होता है, उसी समय मनुष्य समाज में बहुत से परिवर्तन होते हैं। महामारी, रोग, हिंसा,…

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महापुरुष श्री अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “तुरुकी धाईं आसीब भारतरे हाँड़, काट काइफूलो जाइफूलो, गुली गोला तुंही बरसिबो।” अर्थात – विश्वयुद्ध में तुर्की के द्वारा पाकिस्तान को पूर्ण समर्थन प्राप्त होगा। तुर्की और पाकिस्तान के साथ ग्यारह मुस्लिम देश चीन के साथ मिलकर भारत पर आक्रमण करेंगे। देखते ही देखते यह युद्ध महायुद्ध में परिवर्तित हो जाएगा। भारत के लिए यह एक कठिन समय सिद्ध होगा, परंतु इस कठिन समय में भारत अकेला नहीं होगा। इस युद्ध में रशिया, जर्मनी, फ्रांस और जापान जैसे शक्तिशाली राष्ट्र भारत का साथ देंगे।…

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महापुरुष अच्युतानंद दास जी के द्वारा लिखी मालिका की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “भकत मोधन, भकत जीबन, भकत मोगला हार,भकतंक पाईं, कलिजुग शेसे, हेबि कल्कि अबतार।” अर्थात – भगवान महाविष्णु के द्वारा कहे गए कथन को महापुरुष मालिका में इस प्रकार से लिखते हैं कि मेरे भक्त ही मेरा धन है, मेरे भक्त ही मेरा जीवन है, और मेरे भक्त ही मेरे गले का हार अर्थात मेरा सबकुछ है। केवल भक्तों के उद्धार के लिए ही कलियुग के अंतिम समय में मैं उड़ीसा की पावन भूमि पर कल्कि अवतार धारण करूंगा। “भक्त उदय होईबे गाँव-गांव भूली मेली करिबेसे।”…

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महापुरुष अच्युतानंद जी व संत भिमोबहि जी के द्वारा लिखी मलिका और भविष्य ग्रंथ की कुछ दुर्लभ पंक्तियाँ व तथ्य- “ख्यजिबे कष्टथिबा जार घट वृद्ध अंगु जुबाहेबे कहे भीमबोहि तामर अज्ञानी एकाख्यर माने भज।” अर्थात – जाजपुर की पवित्र भूमि जहां आदि माता बिरजा सीधे मूर्ति के रूप में उपस्थित हैं, उस पवित्र स्थान में “सुधर्मा सभा” भगवान कल्कि के नेतृत्व में बैठेगी। जो पवित्र भक्त होंगे, उन्हें सुधर्मा सभा में भगवान मधुसूदन के साथ बैठने का अवसर मिलेगा। उस समय भगवान जगतपति, भक्तवत्सल, दीनबंधु! कल्कि के आह्वान पर कुछ समय के लिए बैकुंठ से उतरेंगे। महादेवी के…

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पंडित काशीनाथ-जी दुनिया भर में होने वाले विनाश की भयावहता बताते हैं। बलरामदास (पंच-सखाओं में से एक) द्वारा लिखित कलियागत-भविष्यंत में बार-बार होने वाली आपदाओं और प्राकृतिक आपदाओं जैसे महामारी, हिंसा, दुर्घटनाएं, दंगे, बाढ़, चक्रवात, भूकंप, सूखा, तूफान, बादल-विस्फोट, घरेलू युद्ध और विश्व युद्ध का उल्लेख है। . ऐसी स्थिति का मुख्य कारण मानव जाति द्वारा किए गए पाप हैं और मुख्य पापों में से एक निर्दोष जानवरों को उनके स्वाद और भूख को संतुष्ट करने के लिए मारना है। ये प्राकृतिक आपदाएं तब शुरू होंगी जब महाप्रभु अपनी आयु के 13 वर्ष पूरे करेंगे और 14वें और 15वें वर्ष…

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इसी कड़ी में पंडित काशीनाथ जी बताते हैं कि भविष्य मलिका में जल-प्रलय (बाढ़ से हुई भारी तबाही) के बारे में क्या लिखा है। भविष्य मलिका में दी गई भविष्यवाणियों के अनुसार, समुद्र का जल स्तर काफी बढ़ जाएगा और पृथ्वी का लगभग 70% हिस्सा समुद्री जल में डूब जाएगा। अमेरिका, चीन, इंडोनेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देश समुद्री जल में डूब जाएंगे। मनुष्य को चाहिए कि वह सच्चाई, शांति, दया और क्षमा का पालन करे और प्राकृतिक आपदाओं से खुद को बचाने में एक-दूसरे की मदद करे। महाप्रभु कल्किराम ऐसी तबाही से भारत की रक्षा करेंगे और भारत में…

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पंडित काशीनाथ-जी श्री कृष्ण के पांच दोस्तों (पंच-सखाओं) के बारे में बात करते हैं: बलराम दास, जगन्नाथ दास, अच्युतानंद दास, यशोबंता दास और शिशु अनंत दास। ये पंच-सखा श्रीकृष्ण की सेवा के लिए प्रत्येक युग में जन्म लेते हैं। सुदामा, जो द्वापर-युग में श्री कृष्ण के सबसे अच्छे दोस्त थे, ने उड़ीसा में जन्म लेने की इच्छा व्यक्त की थी। श्री कृष्ण ने उन्हें भविष्य मलिका लिखने और कलियुग का अंत कैसे होगा, इस पर विवरण प्राप्त करने के लिए कहा था। श्री कृष्ण ने उन्हें विस्तार से लिखने के लिए भी कहा था कि महाप्रभु का जन्म कब और…

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पंडित काशीनाथ-जी श्री कृष्ण के पांच दोस्तों (पंच-सखाओं) के बारे में बात करते हैं: बलराम दास, जगन्नाथ दास, अच्युतानंद दास, यशोबंता दास और शिशु अनंत दास। ये पंच-सखा श्रीकृष्ण की सेवा के लिए प्रत्येक युग में जन्म लेते हैं। सुदामा, जो द्वापर-युग में श्री कृष्ण के सबसे अच्छे दोस्त थे, ने उड़ीसा में जन्म लेने की इच्छा व्यक्त की थी। श्री कृष्ण ने उन्हें भविष्य मलिका लिखने और कलियुग का अंत कैसे होगा, इस पर विवरण प्राप्त करने के लिए कहा था। श्री कृष्ण ने उन्हें विस्तार से लिखने के लिए भी कहा था कि महाप्रभु का जन्म कब और…

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इस वीडियो में पंडित काशीनाथ जी बताते हैं कि लगभग 600 साल पहले कलियुग के अंत के बारे में महान पुरुष अच्युतानंद ने क्या लिखा था। महापुरुष अच्युतानंद एक दिव्य दूरदर्शी थे जो भूत, वर्तमान और भविष्य को देख सकते थे। वे सुदामा के अवतार थे। श्री कृष्ण ने अच्युतानंद से कलियुग के अंत और कोरोनावायरस महामारी सहित प्राकृतिक आपदाओं के कारण पृथ्वी पर हो रहे भौगोलिक परिवर्तनों के बारे में सभी विवरण लिखने के लिए कहा। #पंडित श्री काशीनाथ मिश्र भागवत, रामचरित मानस और पंचसखा मलिका के सर्वश्रेष्ठ विश्लेषक हैं। कल्कि अवतार कलियुग की सच्चाई और भगवान विष्णु के…

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